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जैसे तुम, जैसी तुम्हारी खोज, वैसा तुम्हारा गुरु || आचार्य प्रशांत, कठोपनिषद् पर (2017)

2019-11-29 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१७ नवम्बर २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />कैसे जाँचें कि गुरु सच्चा है या नहीं?<br />क्या गुरु के मन की बातें जानी जा सकती हैं?<br />गुरु कैसा?<br />गुरु का अर्थ क्या है?<br />सही गुरु ना मिले तो?<br />गुरु- शिष्य क्या हैं वास्तव में?<br />गुरु- शिष्य में कैसा सम्बन्ध हो?<br />गुरु को कैसे समर्पित करें?<br />गुरु के सान्निध्य में होने का क्या आशय है?<br />शिष्य को अनुशासित होना कितना आवश्यक है?<br />गुरु से शिष्य को क्या मिलता है?<br />संतों ने गुरु को सबसे ऊँचा दर्जा क्यों दिया है?<br />जैसे तुम, जैसी तुम्हारी खोज, वैसा तुम्हारा गुरु?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

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